COVID-19 CASES:दिल्ली से लेकर केरल तक बड़ रहे कोरोना केस

भारत में एक बार फिर COVID-19 की खबरें सुर्खियों में हैं।दिल्ली में कोविड केस में हल्की बढ़ोतरी ने लोगों का ध्यान खींचा है। मई 2025 तक देश में JN.1 वेरिएंट के कारण मामलों में मामूली उछाल देखा जा रहा है।इस लेख में हम COVID-19 केस भारत की ताजा स्थिति दिल्ली में कोविड केस और बचाव के उपायों पर बात करेंगे।

भारत में COVID-19 की मौजूदा स्थिति

19 मई तक भारत में 257 सक्रिय COVID-19 केस दर्ज किए गए हैं जो पिछले हफ्ते की तुलना में ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 से 19 मई के बीच 164 नए मामले सामने आए। सबसे ज्यादा केस केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) में हैं। गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, और सिक्किम में भी नए मामले देखे गए। अच्छी खबर ये है कि ज्यादातर मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती या मृत्यु दर में कोई बड़ा उछाल नहीं है।

मुख्य वेरिएंट JN.1 है जो ओमिक्रॉन का एक रूप है और 53% टेस्ट सैंपल्स में पाया गया। इसके अलावा LF.7 और NB.1.8.1 जैसे नए सब-वेरिएंट्स भी मिले हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इन्हें अभी “Variants Under Monitoring” मान रहा है न कि “Variants of Concern”। यानी खतरा कम है लेकिन सावधानी जरूरी है।

दिल्ली में कोविड केस: क्या है ताजा हाल?

दिल्ली में मई 2025 में 23 सक्रिय COVID-19 केस दर्ज किए गए, जो पिछले तीन सालों में मई के महीने में सबसे ज्यादा हैं। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है, और उनमें फ्लू जैसे हल्के लक्षण हैं। दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां, और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी है। निजी लैब्स में ये मामले पकड़े गए और यह पता लगाया जा रहा है कि मरीज दिल्ली के हैं या बाहर से आए हैं।

दिल्ली-एनसीआर के आसपास के शहरों, जैसे नोएडा और गाजियाबाद, में भी मामले सामने आए। नोएडा में एक 55 साल की महिला पॉजिटिव पाई गई। दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को Influenza-like Illness (ILI) और Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के मामलों को रोजाना स्वास्थ्य डेटा प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने का आदेश दिया है। सभी पॉजिटिव सैंपल्स को लोक नायक अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है ताकि नए वेरिएंट्स पर नजर रखी जा सके।

केस क्यों बढ़ रहे? विशेषज्ञों की राय

COVID-19 केस भारत में मामूली बढ़ोतरी का कारण JN.1 वेरिएंट की उच्च संक्रामकता है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशंस हैं। यह सिंगापुर और हांगकांग जैसे एशियाई देशों में भी देखा गया, जहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बढ़ा है। सिंगापुर में एक हफ्ते में मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए, हालांकि ICU में भर्ती कम है। भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि घटती इम्यूनिटी और मौसमी बदलाव भी इसका कारण हो सकते हैं।

डॉ. प्रवीण गर्ग के मुताबिक, JN.1 वेरिएंट से ज्यादातर मामले हल्के हैं, और मरीज 3-4 दिन में ठीक हो रहे हैं। लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, और थकान शामिल हैं। लेकिन बच्चों, बुजुर्गों, और गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

बचाव के लिए क्या करें?

यहाँ कुछ आसान टिप्स हैं:

  • मास्क पहनें: खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर जैसे मेट्रो या मार्केट।
  • हाथ धोएं: साबुन और पानी से 20 सेकंड तक हाथ धोएं या 60% अल्कोहल वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल करें।
  • वैक्सीन और बूस्टर: अगर आपने बूस्टर डोज नहीं लिया, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
  • लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं: बुखार, खांसी, या सांस की तकलीफ हो, तो तुरंत RT-PCR टेस्ट करवाएं।
  • भीड़ से बचें: हवादार जगहों पर रहें और बंद कमरों में ज्यादा समय न बिताएं।
  • लापरवाही न करें: हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये जल्दी फैल सकता है।
  • बिना टेस्ट के दवाइयां न लें: डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉयड न लें।
  • पुरानी वैक्सीन पर भरोसा न करें: अगर आखिरी डोज 2 साल पहले लिया, तो बूस्टर जरूरी है।

2025 में COVID-19 केस भारत में भले ही कम हों, लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है। दिल्ली में कोविड केस की संख्या बढ़ी है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। JN.1 वेरिएंट के बावजूद, ज्यादातर मामले हल्के हैं, और सही सावधानी से हम इसे काबू में रख सकते हैं। मास्क, सैनिटाइजर, और वैक्सीन को अपनी आदत बनाएं।

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